2025 में Home Loan लेने से पहले इन बातों का ध्यान न दिया तो पछताएंगे!
आपने कभी सोचा है कि सिर्फ ₹50 लाख का होम लोन, असल में आपकी ज़िंदगी से कितना कुछ ले सकता है?
"EMI manageable होगी", "घर तो अपना ही होना चाहिए", "Bank approve कर रहा है तो सब ठीक होगा" —
ऐसे कई भरोसेमंद लगने वाले तर्क सुनने में सही लगते हैं, लेकिन ज़रा रुकिए...
क्या आपने कभी किसी से सुना है कि उन्होंने होम लोन लेकर सच में चैन की नींद ली हो?
बहुत कम ही लोग होंगे। असल में, कई middle-class परिवार 15–20 साल तक इस एक फैसले की भारी कीमत चुकाते हैं।
इसलिए, अगर आप भी Home Loan लेने का सोच रहे हैं — तो इन 7 बातों को जानना आपके लिए जरूरी नहीं, ज़रूरी से भी ज़्यादा है।
1. EMI जितनी दिखती है, उतनी नहीं होती
Bank की EMI Calculator पर ₹25,000 दिखा, तो ये मत समझिए कि बस इतना ही खर्च होगा।
- इसमें insurance, processing fee, GST, और कई छिपे charges जोड़ने के बाद actual burden कहीं ज़्यादा होता है।
Note: EMI को अपनी monthly income का 30–35% से ज़्यादा न बनने दें।
2. Floating vs Fixed Interest – धोखे में मत आइए
"Floating सस्ता पड़ता है" — ऐसा सुनकर बहुत से लोग उसे चुनते हैं, लेकिन जब interest rate बढ़ता है, तो EMI भी बढ़ जाती है और tenure भी।
Result? 20 साल का लोन 30 साल में भी खत्म नहीं होता।
क्या करें? अगर आपकी income stable नहीं है, तो Hybrid interest option पर विचार करें।
3. Prepayment Option है या Trap?
Bank कहता है "Prepay कर सकते हैं कभी भी", लेकिन ज़रा T&C पढ़िए।
कहीं charges तो नहीं? कहीं limit तो नहीं?
Reality: कई बार early payment करने पर penalty लगती है, या documentation इतना complex होता है कि आप discouraged हो जाते हैं।
4. Processing Fees सिर्फ शुरुआत है
आप सोचते हैं कि बस ₹10,000 processing fees लगेंगे?
पर असल में आपसे लिए जाते हैं:
✓ Valuation fees
✓ Legal opinion fees
✓ Technical inspection fees
✓ CERSAI charges
सच कहें तो, इन hidden charges को जोड़ें तो ₹30,000–₹50,000 तक extra खर्च हो जाता है।
5. Joint Loan या Solo – कौन सा बेहतर?
Joint loan से eligibility बढ़ती है, tax benefit भी मिलता है। लेकिन अगर partner की income unstable है या future में कोई conflict होता है, तो repayment पर असर पड़ सकता है।
नतीजा? EMI default, credit score खराब और legal complications।
6. Property clear title वाली है?
Home loan approve हो जाना मतलब property साफ़ है ऐसा नहीं है।
Bank सिर्फ collateral देखता है, लेकिन आपकी future legal safety की guarantee नहीं देता।
Note: खुद से या किसी trusted lawyer से title verification कराएं।
7. EMI चुकाना आसान नहीं, मानसिक रूप से तैयार रहें
हर महीने की 5 तारीख आएगी और आपके account से बड़ी रकम कटेगी बिना चूके, बिना रुकावट।
आपके खर्च, lifestyle, छुट्टियां, और savings सब पर इसका असर पड़ेगा।
क्या आप mentally prepared हैं?
CIBIL Score को हल्के में मत लीजिए -
700 से नीचे CIBIL score वालों को ज्यादा interest rate देना पड़ता है और approval भी मुश्किल होता है।
Loan लेने से 6 महीने पहले से credit card payment और dues clear करें।
My experience:
मेरे अनुभव में, अगर आपकी नौकरी या income source बिल्कुल stable है और भविष्य में EMI देने में कोई रुकावट नहीं आएगी, तभी Home Loan लेना एक समझदारी भरा कदम होता है। बिना सोचे-समझे जल्दी में लोन लेने से बाद में तनाव और financial burden बढ़ सकता है।
Home Loan लेने का फैसला भावनाओं में नहीं, पूरा होश में लेकर कीजिए।
घर तो 1 बार बनता है, लेकिन loan आपको 20 साल तक थामे रखता है।
तो सोचिए, समझिए और तभी लोन लीजिए — ताकि बाद में अफसोस न हो।
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