कॉलेज में रैगिंग से कैसे बचें? 2025 के Anti-Ragging कानून और स्टूडेंट गाइड
कॉलेज में नए छात्रों के लिए सबसे ज्यादा डराने वाली चीज़ों में से एक है – रैगिंग (ragging)। हालांकि आजकल कई कॉलेजों ने रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, फिर भी कुछ जगहों पर यह समस्या बनी हुई है। यह आर्टिकल आपको बताएगा कि रैगिंग क्या है, इससे कैसे बचें और अगर कभी सामना करना पड़े तो क्या करें।
रैगिंग क्या होती है?
रैगिंग का मतलब होता है – नए छात्रों को मानसिक या शारीरिक तौर पर परेशान करना। इसमें जबरन गाने गवाना, डांस कराना, कपड़े बदलवाना, या कोई और शर्मिंदगी वाली हरकतें करवाई जाती हैं।
Ragging से कैसे बचें?
1. कॉलेज की Anti-Ragging Committee की जानकारी रखें
हर कॉलेज और हॉस्टल में Anti-Ragging Committee होती है, जो रैगिंग रोकने के लिए बनी होती है। उनके नाम, फोन नंबर और ऑफिस का पता अपने पास जरूर रखें।
2. कानूनी अधिकार समझें
भारत में रैगिंग एक गंभीर अपराध है। UGC के नियमों के तहत दोषी पाए जाने पर छात्र को सस्पेंड या कॉलेज से निकाल भी सकते हैं। जरूरत पड़ने पर FIR दर्ज कराई जा सकती है।
3. सीनियर्स के साथ सीमित व्यवहार रखें
शुरुआती दिनों में सीनियर्स के साथ जरूरत से ज्यादा घुलने-मिलने से बचें। अगर कोई सीनियर जबरदस्ती कुछ करने को कहे, तो साफ मना कर दें।
4. अपनी बात खुलकर कहें
अगर कोई रैगिंग करे तो डरें नहीं। तुरंत अपने माता-पिता, वॉर्डन या टीचर को बताएं। चुप रहने से समस्या और बढ़ सकती है।
5. Anti-Ragging Helpline नंबर याद रखें
Number - 1800-180-5522 (Toll-Free, 24x7)
Email - helpline@antiragging.in
अगर रैगिंग हो जाए तो क्या करें?
✓ तुरंत हॉस्टल वॉर्डन या कॉलेज प्रशासन को बताएं।
✓ अपने माता-पिता को जानकारी दें।
✓ Anti-Ragging Helpline पर कॉल करें।
✓ जरूरत पड़े तो पुलिस में FIR दर्ज कराएं।
कुछ और जरूरी बातें:
✓ ग्रुप में रहें ताकि आप अकेले न पड़ें।
✓ Orientation के दौरान अपने सीनियर्स और Juniors को पहचानें।
✓ अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें, लेकिन बेवजह बहस भी न करें।
Conclusion:
रैगिंग एक खतरनाक अपराध है, जिससे बचाव करना हर छात्र की जिम्मेदारी है। सही जानकारी और साहस से आप खुद को और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
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